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संत कबीर की सीख - लेखनी प्रतियोगिता -15-Jun-2022

संदेशों को याद करें जो कबिरा गए सिखाय
आत्मसात करे वही जीवन में सफलता पाए।

अहंकार को दूर करके शीतलता मन में लाएँ
रहे ना कोई शत्रु संपूर्ण जग प्रेमिल हो जाए।

दुनिया की दौलत व्यर्थ गुरु ज्ञान अनमोल
सर्व समर्पण कर मिले ज्ञान के चक्षु खोल।

जाति-पात का भेद संसार तू क्यों बनाए
ईश्वर ने इंसा बनाया बिन भेद हमें अपनाए।

हो मंदिर, मस्जिद, चर्च या हो कोई गुरुद्वारा  
ढोंग न अच्छा लगे ईश्वर को पवित्र मन प्यारा।

हरि न बसते ईंट पत्थरों में, मन में बसते राम
माला फूल मत चढ़ा, कर्म को ही पूजा मान।

आडंबर की चादर लपेट सोता रहता मानव
आँखें खोल यथार्थ देख मत बन ऐसे दानव।

वाणी की शीतलता कहलाती है दवा अचूक
मिटाए द्वेष मनमोहक लगे ज्यों कोयल कूक।

पोथी पढ़-पढ़ मानव किताबी ज्ञान पा जाए
पिए जो प्रेम प्याला सच्चा विद्वान कहलाये।

समय बड़ा बलवान, काम न कल पर टाल
बीत गया पछताओगे, वक़्त बदलेगा चाल।

याद रखना सीख ये देते संत कबीर के दोहे
अपनाए इसे जीवन में जग उसे बड़ा सोहे।

डॉ. अर्पिता अग्रवाल

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9 Comments

Dr. Arpita Agrawal

16-Jun-2022 12:24 PM

आप सभी का हार्दिक आभार, अभिनंदन 😊😊😊🙏🏻🙏🏻

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Swati chourasia

16-Jun-2022 11:34 AM

बहुत ही सुंदर रचना 👌👌

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Shrishti pandey

16-Jun-2022 10:19 AM

Nice one

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